Monday 27 March 2017

प्रेस नोट:-
ll आओ बदले ll 
27/03/2017 को आज दुसरे दिन... 
ll डॉ विजय नारायण पाल के सरंक्ष्कत्व में ll 
 इंजिनीयर भारत राजयोगी के अध्यक्षता व सुनील पंडित के संचालन में तीन दिवसीय कार्यशाला जारी है ........
जिसमे बांग्लादेश के सबसे कम उम्र की छात्रा आशा मणि(संयोजक,साउथ एशिया यूथ फोरम ) व बच्चू म़िया( सदस्य,साउथ एशिया यूथ फोरम ) की मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की - मुरादाबाद की डॉ अर्चना शर्मा ने धन्यवाद दिया l 
१. मानिक समजदार - भारत, वेस्ट बंगाल से 
2. सुनील पंडित भारत, कन्नौज 
3. डॉ अर्चना शर्मा भारत,मुरादाबाद 
४. बच्चू मिया बांग्लादेश
५. आशा मोणी बांग्लादेश 
६. बिपलब सरकार भारत, वेस्ट बंगाल
७. श्यामल बाल भारत, वेस्ट बंगाल
8. सागीर अली भारत, कानपूर 
9. अब्दुल कय्यूम खान भारत, लखनऊ 
10 मुन्ना भारत, लखनऊ
११ एन एन सिंह गौर भारत, कानपूर 
१२. भारत राजयोगी भारत, कानपूर
13. रामकिशोर भारत, लखनऊ 
14. शैलेश चन्द्रवंसी भारत, बिहार
१५. डॉ बब्बन कुमार भारत, बिहार
१६. शैलेश राही भारत, बिहार(औरंगाबाद) 
और अन्य समस्त पास - पडोसी, प्रियजन, पुरजन, मित्रजन, शत्रुजन एवं पत्रकारजन


















Sunday 26 March 2017

 प्रेस नोट:-
ll आओ बदले ll 
डॉ वी एन पाल के संचालन में एवं बांग्लादेश के सबसे कम उम्र की छात्रा आशा मणि की अध्यक्षता में - मुरादाबाद की डॉ अर्चना शर्मा ने धन्यवाद दिया l 
१. मानिक समजदार - भारत, वेस्ट बंगाल से 
2. सुनील पंडित भारत, कन्नौज 
3. डॉ अर्चना शर्मा भारत,मुरादाबाद
४. बच्चू मिया बांग्लादेश
५. आशा मोणी बांग्लादेश
६. बिपलब सरकार भारत, वेस्ट बंगाल
७. श्यामल बाल भारत, वेस्ट बंगाल
8. सागीर अली भारत, कानपूर
9. अब्दुल कय्यूम खान भारत, लखनऊ
10 मुन्ना भारत, लखनऊ
११ एन एन सिंह गौर भारत, कानपूर
१२. भारत राजयोगी भारत, कानपूर
13. रामकिशोर भारत, लखनऊ
14. शैलेश चन्द्रवंसी भारत, बिहार
१५. डॉ बब्बन कुमार भारत, बिहार
१६. शैलेश राही भारत, बिहार(औरंगाबाद)
17. पुष्पेन्द्र भारत, जौनपुर
और अन्य समस्त पास - पडोसी, प्रियजन, पुरजन, मित्रजन, शत्रुजन एवं पत्रकारजन














Saturday 25 March 2017

"आओ बदले"
क्रान्तिकारी छात्र - युवा संगठन
---- प्रेस नोट / आमन्त्रण पत्र --
कानपुर-25 मार्च 2017 "आओ बदले" क्रान्तिकारी छात्र युवा संगठन के तत्वावधान में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला कल दिनांक 26-28/03/2017 को 13:13:13 बजे डॉ वी एन पाल के संरक्षण में संगठन के मुख्य कार्यालय - राष्ट्रघर, 123 रामगंगा हाउसिंग काम्प्लेक्स जी टी रोड नारामाऊ मंधना कानपुर में आयोजित होने जा रही है| इसमे बंगाल, बिहार, यूपी, पंजाब, उत्तरांचल, दिल्ली व देश के अन्य प्रदेशो के साथ पडोसी देशो से भी लोगो के आने की सम्भावना है | संगठन के सलाहकार श्री मानिक समाजदार, अपने साथी श्यामल बल के साथ मुख्य कार्यालय पर पधार चुके है और प्रदेश के अन्य भागो से कार्यशाला में शिरकत करने के लिए मुरादाबाद से डॉ अर्चना शर्मा, बरेली से आर पी सिंह चौहान, कन्नौज से सुनील पंडित, जौनपुर से पुष्पेन्द्र जी आदि पधार चुके है आने वालो की अनवरत प्रक्रिया जारी है | तकरीबन 50 विशिष्ट जनों एवं सैकड़ो क्षेत्रीय जन के भाग लेने की सम्भावना है l कार्यशाला के मुख्य आकर्षण आओ नया समाज और नया देश बनाये की थीम/भावना पर आधारित है l जिसमे निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर सामूहिक विचार विमर्श के बाद उपजे विकल्प के प्रस्ताव पारित किये जायेंगे जैसे-
१."सत्ता हस्तांतरण समझौता की वास्तविकता को तुरंत देश के सामने लाना"
2. आरजी हुकूमत ए आजाद हिन्द सरकार को पहली स्वतंत्र सरकार के रूप में मान्यता पर विचार l
3. बाह्य आपातकाल की अवस्था पर विचार l
४. नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के ऊपर युद्ध अपराधी का तक्मा, रासविहारी बोस सहित उनके ऊपर से गिरफ़्तारी परवाना हटाने, सभी झूठे मुकदमे वापस लेने, भारत का सोना बैंक ऑफ़ इंग्लैंड में जमा रखना बंद करने एवं रिजर्व बैंक का कानून बदले जाने पर विचार l
५. नेताजी और शहीद भगत सिंह सम्बंधित सभी तथ्य सार्वजानिक किये जाने पर विचार l
६. Commonwealth से बाहर आने पर विचार l
७. सैनिकों अर्धसैनिक बलों का नागरिकों के खिलाफ उत्पीडन पर विचार l
८. फौजियों की विभिन्न समस्याओं , सभी शहीद परिवारों को मर्यादित पेंशन देने, सभी राजनैतिक कैदियों को बिना शर्त सम्मानपूर्वक रिहा करने पर विचार l
9. जनता के हाथों सम्पूर्ण सत्ता शक्ति दिए जाने पर विचार l
10. छात्र - युवाशक्ति का राष्ट्र के निर्माण में सदुपयोग करने पर विचार l
११. राष्ट्र की मौलिक समस्याओं ( रोटी, कपड़ा, मकान, सड़क, विजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा जिनका एक नाम आतंकवाद है ) के समाधानों पर विचार l
१२. सम्पूर्ण अव्यवस्थाओं के विकल्पों पर विचार l
13. आम समसामायिक बिन्दुओं पर विचार l
राष्ट्रनिर्माण में हमारी भूमिका क्या होगी ? इस पवित्र कार्य को करने के लिए पहल कीजिये ताकि आने वाला इतिहास में हमें पछताना ना पड़े l

डॉ.वी.एन. पाल
सलाहकार
आओ बदलें - क्रान्तिकारी छात्र युवा संगठन
सेवा में,
समस्त पास - पडोसी, प्रियजन, पुरजन, मित्रजन, शत्रुजन एवं पत्रकारजन
संपर्क :-
डॉ. विजय नारायण पाल
Alumni I I T Kanpur
Prof. & Head Dept of Maths
U I E T -C S J M U --Kanpur
05122770066,7007967764,8765071871,8765381614,7850838083,9305574610,7266010745,8697230755
pmdrvnpalcm13@gmail.com

Wednesday 22 March 2017

l नकलविहीन परीक्षा का एक मात्र निशुल्क विकल्प ll
अब तक नक़ल पर नियंत्रण करने के लिए जितने भी विकल्प बनाये गये है ओ सभी अप्रसांगिक सवित हुए है, एक बार भाजपा सरकार में नकल को संघीय अपराध की श्रेणी में रखकर कानून बना था इसके बावजूद भी नक़ल माफिया नक़ल अध्यादेश की धज्जिया उड़ाकर सफल थे और रहेंगे l
मेरे पास इस बीमारी का इलाज है जिसका मैंने स्वयं प्रयोग किया है तमाम शिक्षाविदों में चर्चा की है शासन और प्रशासन को व्यग्तिगत एवं लिखित रूप से अवगत कराया है l समाचार पत्रों में भी प्रकाशित है l राजभवन ने उसे संज्ञान में भी लिया है लेकिन विश्वविद्यालय के कतिपय अधिकारी अपनी स्वास्थ्यपुर्ती के लिए लागू नही करना नही चाहते हैं l मेरा दावा है कि यदि मेरे विकल्प को मात्र सिन्धांतता स्वीकार कर लिया जाये तो नक़ल की तो छोडियेगा नकलची कभी प्रवेश ही नहीं लेगाl
मेरा सुझाव यह है कि "नक़ल के लिए जितने भी प्राविधान है उन्हें समाप्त कर दिया जाय, नकल को मौलिक अधिकार में शामिल कर दिया जाये l नकल करते हुए छात्र से लिखित रूप में लिया जाता है कि वह नक़ल करते हुए पकड़ा गया है उसके इस लिखित वकतव्य को संज्ञान में लेकर अंकतालिका पर दिखा दिया जाये - यानि की केवल अंकतालिका पर सम्बंधित अंको के सामने U F M (Unfair Means) अंकित कर दिया जाये l" और प्रमाणपत्र ( Degree ) पर भी अंकित किया जाये ll
विस्तार से अधिक चर्चा के लिए खुले मंच पर स्वागत है l

Tuesday 21 March 2017

ll अयोध्या मसले का13 मिनट में समाधान ll
डॉ वी एन पाल
१. स्मृति शेष श्री राजीव गांधी की मृत्यु की पूर्व संध्या पर आमरण अनशन के 9 वें दिन - गाँधी प्रतिमा फतेहपुर कचेहरी प्रांगण में- किसी महानुभाव द्वारा अयोध्या मसले पर समाधान मांगे जाने पर मैंने जो सुझाव दिया था उसको सुनकर हिन्दू मुसलमान गलबहिया डालकर नाचने गाने लगे थे हमारे समाधान को प्रमुखता देखकर दैनिक जनकदम स्थानीय समाचार पत्र ने हुबहू छापा था l कालान्तर में हमारे द्वारा दी गयी समाधानों को तमाम पत्र पत्रिकाओ ने प्रमुखता दी थी 27 वर्ष पूरे होने को हैं इस बीच जो भी घटनाये घटी हैं हमारे द्वारा दिए गये समाधान में पहले से ही चिंतन कलमबद्ध हैं और आगे जो भी होना है ओ भी कलमबद्ध है बहुत पहले ही समस्या समाधान के लिए कहा था l की समस्या का समाधान निकल सकता है बशर्ते समाधान करने वालों में राजनितिक लाभ पाने वाले शामिल न किये जाये, मैं पुरे दावेदारी के साथ कह सकता हूँ कि मेरे अलावा एस समस्या का समाधान किसी के भी पास नही है l मैंने अपने को जज मानते हुए, हिन्दू और मुसलमान मानते हुए, भारत का संप्रभु नागरिक मानते हुए तीन तरह के समाधान दिए हैं देशवाशियों को जो भी पसंद आये उसको लागू कर दिया जाये l
(डॉ वी एन पाल)

Saturday 18 March 2017

---------- Forwarded message ----------
From: Vijay Pal <pmdrvnpalcm13@gmail.com>
Date: Sun, Mar 19, 2017 at 9:39 AM
Subject: Re: To Donate "My Movable & Immovable Property Including Self" To The Nation.
To: "presidentofindia@rb.nic.in" <presidentofindia@rb.nic.in>, "secy.president@rb.nic.in" <secy.president@rb.nic.in>, "supremecourt@nic.in" <supremecourt@nic.in>, "cmup@nic.in" <cmup@nic.in>, DM Kanpur <dmkanpur@gmail.com>, "hgovup@up.nic.in" <hgovup@up.nic.in>, me@ramnaik.com, pmo@gov.in, vpindia@nic.in, PMNRF <pmnrf@gov.in>, mathew.thomas@rb.nic.in
Cc: Vijay Pal <pmdrvnpalcm13@rediffmail.com>, Vijay Pal <pmdrvnpalcm13@yahoo.co.in>, Vijay Pal <pmdrvnpalcm13@gmail.com>


                                                                            An open letter Urgent attention please






To The,                                                                      19/03/2017  08:13:13
Shree Pranav Kumar Mukharjee.
Honorable President Of India 
Union Govt. Of India, 
Rashtrapti Bhavan,
New Delhi.


Sub: To Intervene / Dismiss  the recently  traditional and unconstitutionally formed  State Governments in various five states --

Hon'ble Sir, 

      This is to remind you that  I am continuously requesting and stressing upon very hard to  you since last many years that no governments (State  or Union Govt .of India) in our country are being formed properly adopting the procedure. In absence of knowledge because of which govts were falling before due times.
      The short cut adopted by  the president of India and the governors of various states results the unconstitutional formation of governments. None exercises the special power of desecration given in the constitution.
      Sir in U.P. a party has declared C.M. and two Dy C.M. in which there is no role of governor i.e. governor has not issued appointment letter to council of minister's on 18th March 2017. The governor of UP is sitting Idle after the election is declared on 11th instant of march 2017. Our Honorable governor did not try to search suitable hands to forms council of minister's i.e. the State Government. The governor did not try to induct the representatives (Elected MLA's by swearing in oath of constitution of India) to be the member of the house that is legislative assembly.  
     Sir not only the proper procedure is adopted in UP but a person with doubtful integrity and  so money serious criminal cases are pending against him as per the affidavit produced by him in MP election which is matter of proper investigation to be investigated by the governor from his own resources i.e. LIU etc. He is a brand leader of a party which has created many times religious mania / new sense may causes to leading to riots. A large section of public is annoyed, disturbed and terrorized by his act & the supremo of his party i.e. P.M.  who is also officially appointed by you has no right to indulge in the business / working of the governor of the state. You should immediately fix up PM for his unconstitutional & undemocratic act      
     Sir keeping in view of the above, your immediate intervention is required to stop the swearing in ceremony of the unconstitutional formation of the government in state. In Case if you fail to stop it you have no right to continue on the apex post of the Nation.  


                                             With regards    
 Affectionately your's

Dr. V.N.Pal 
A simple Citizen Of India/ Alumni of IIT Kanpur 
Prof & Head Dept Of Maths
UIET - C S J M University Kanpur 
123, Ram Ganga  Housing Complex 
G T Road Naramau Kanpur -209217
Tel: 051222770066, 7850838083, 7266010745, 9305574610
whatsup no:7007967764,8765071871,8765381614
मुख्य मंत्री का चयन सदन के अंदर सभी विधायकों की मौजूदगी में होना चाहिए ऐसा न करना असंवैधानिक है ऐसा मुख्य मंत्री सबका कैसे हो सकता है ? राज्यपाल को नियुक्ति पत्र निर्गत करने से पहले भूल सुधार कर लेनी चाहिए अन्य दावेदारों को भी सदन में परखा जाना चाहिए l  खास तौर पर तब जब राज्यपाल के पास अन्य दावेदार भी हों l पक्षपात का मामला है l राज्यपाल को अपना विवेक आजाद रखते हुए प्रदेश वासियों को भी मौका देना होगा l ५ राज्यों में सभी उत्तराखंड से , उत्तर प्रदेश से कोई नहीं , सदन का कोई सदस्य भी नहीं , सदन के सदस्यों को भी मौका मिलना चाहिए था l पिछला रिकोर्ड भी देखने की वात है
राज्यपाल जी शांत चित्त से अन्तरात्मा की आवाज सुनिए आपकी संवैधानिक जिम्मेदारी है का विना किसी भेदभाव के निरवाहन कीजये अन्यथा इतिहास आपको माफ़ नहीं करेगा l राष्ट्रपति जी से भी अपील है कि वे सभी राज्यपालों को निर्देशित /आदेशित करें कि संविधान सम्मत साकार का ही का ही गठन करें-डॉ पाल 
"ROLE MODEL STATE GOVERNMENT" अप्रतिम राज्य सरकार के गठन हेतु डॉ वी एन पाल का दावा -
Inbox
x

Vijay Pal <pmdrvnpalcm13@gmail.com>
Attachments3:11 PM (31 minutes ago)

to me, hgovup, DM
Inline image 1 07/02/17 की मुलाकात में हरे साफा में डॉ वी एन पाल
 प्रतिष्ठा /प्रभुत्व  में -                                                                                                      
श्री राम नाईक जी,
स्व राज्यपाल - उत्तर प्रदेश -सरकार
राजभवन  लखनऊ l

विषय-   "ROLE MODEL STATE GOVERNMENT" अप्रतिम राज्य सरकार के गठन हेतु डॉ वी एन पाल का दावा -

 स्व  महामहिम / माननीय  राज्यपाल जी,
                                       विजय हो आपकी -विवेक स्पर्श l
              आपका ध्यान प्राप्त हो कि उत्तर प्रदेश की अप्रतिम सरकार के गठन के लिए मैं 13 फरवरी से आपके समक्ष विभिन्न माध्यमों से परोक्ष या अपरोक्ष रूप से अपने संरक्षण में सरकार बनाने के लिए लगातार दावेदारी प्रस्तुत करता चला आ रहा हूँ अभी तक किसी भी प्रभावी कार्यवाही से अनभिज्ञ हूँ l 11 / 03 को  चुनाव परिणाम आने के बाद से अब तक लगभग ७ दिन हो गये है अन्य राज्यों में  सरकारे बन गयीं है और यहा पर स्पष्ट बहुमत के बावजूद भी सरकार नही बन पा रही है l प्रदेश की जनता मायुश है,  दोषी कौन? संविधान या संविधान के रक्षक ? मेरे आलावा किसी ने भी संभवतः न तो दावेदारी प्रस्तुत की है और न ही राजभवन द्वारा  उचितपात्र की तलाश की जा रही है l उचित पात्र के अभाव में और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अभी हाल में गोवा के मामले में  दिए आदेश के परिपेक्ष में अब कोई दावेदारी स्वीकार भी नही की जानी चाहिए l दावेदारी का इंतजार करना एक पारम्परिक प्रक्रिया है संवैधानिक नहीl  पिछले पत्रों में मैंने मुख्यमंत्री की तलाश एवं नियुक्ति के लिए उठाये जाने वाले आवश्यक / जरुरी कदम की जानकारी दी है l मैं मुख्यमंत्री बनकर कड़ी सुरक्षा के घेरे में रहकर विशिष्ट कैदी की भूमिका में जीवन - यापन नही करना चाहता l मुख्यमंत्री का पद बहुत छोटा है कोई भी प्रोफेसर मंत्री/मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री , राष्ट्रपति बन सकता है, लेकिन इनमें से कोई भी प्रोफेसर नहीं बन सकता है l आपकी मदद करने के लिए यदि आपका प्रस्ताव आया तो मै विचार कर  सकता हूँ l एक सुंदर सरकार दे सकता हूँ बसर्ते मुझे कोई भी व्यक्ति सपने में भी मारने की न सोचे l मेरी कम से कम 1313 साल जीने की तमन्ना है जिसका मैंने अविष्कार भी कर लिया है l  मेरी आपसे 07/03/17 राजभवन में भेट हुई आपकी सरलता, मन की पवित्रता से वेहद प्रभावित हूँ इसलिए मै आपकी मदद करना चाहता हूँ यदि आप लेना चाहें तो .....
क्रमंशः
                                      आदर सहित
     आपका शुभेक्षु

     
"डॉ विजय नारायण पाल "
आवेदित / अप्रत्याशित मुख्यमंत्री -उत्तर प्रदेश
Alumni    I I T Kanpur
Prof. & Head Dept of Maths
U I E T -C S J M U --Kanpur
05122770066,7007967764,8765071871,8765381614,7850838083,9305574610,7266010745
pmdrvnpalcm13@gmail.com

Thursday 16 March 2017

मुख्य मंत्री का चयन सदन के अंदर सभी विधायकों की मौजूदगी में होना चाहिए ऐसा न करना असंवैधानिक है ऐसा मुख्य मंत्री सबका कैसे हो सकता है ? राज्यपाल को नियुक्ति पत्र निर्गत करने से पहले भूल सुधार कर लेनी चाहिए अन्य दावेदारों को भी सदन में परखा जाना चाहिए l खास तौर पर तब जब राज्यपाल के पास अन्य दावेदार भी हों l पक्षपात का मामला है l राज्यपाल को अपना विवेक आजाद रखते हुए प्रदेश वासियों को भी मौका देना होगा l ५ राज्यों में सभी उत्तराखंड से , उत्तर प्रदेश से कोई नहीं , सदन का कोई सदस्य भी नहीं , सदन के सदस्यों को भी मौका मिलना चाहिए था l पिछला रिकोर्ड भी देखने की वात है राज्यपाल जी शांत चित्त से अन्तरात्मा की आवाज सुनिए आपकी संवैधानिक जिम्मेदारी है का विना किसी भेदभाव के निरवाहन कीजये अन्यथा इतिहास आपको माफ़ नहीं करेगा l राष्ट्रपति जी से भी अपील है कि वे सभी राज्यपालों को निर्देशित /आदेशित करें कि संविधान सम्मत साकार का ही का ही गठन करें-डॉ paal

मुख्य मंत्री का चयन सदन के अंदर सभी विधायकों की मौजूदगी में होना चाहिए ऐसा न करना असंवैधानिक है ऐसा मुख्य मंत्री सबका कैसे हो सकता है ? राज्यपाल को नियुक्ति पत्र निर्गत करने से पहले भूल सुधार कर लेनी चाहिए अन्य दावेदारों को भी सदन में परखा जाना चाहिए l  खास तौर पर तब जब राज्यपाल के पास अन्य दावेदार भी हों l पक्षपात का मामला है l राज्यपाल को अपना विवेक आजाद रखते हुए प्रदेश वासियों को भी मौका देना होगा l ५ राज्यों में सभी उत्तराखंड से , उत्तर प्रदेश से कोई नहीं , सदन का कोई सदस्य भी नहीं , सदन के सदस्यों को भी मौका मिलना चाहिए था l पिछला रिकोर्ड भी देखने की वात है
राज्यपाल जी शांत चित्त से अन्तरात्मा की आवाज सुनिए आपकी संवैधानिक जिम्मेदारी है का विना किसी भेदभाव के निरवाहन कीजये अन्यथा इतिहास आपको माफ़ नहीं करेगा l राष्ट्रपति जी से भी अपील है कि वे सभी राज्यपालों को निर्देशित /आदेशित करें कि संविधान सम्मत साकार का ही का ही गठन करें-डॉ paal

Sunday 12 March 2017






http://www.rashtriyasahara.com/epapermain.aspx?queryed=12‘‘यूआईईटी’ को 17 साल बाद भी नहीं मिली स्वायत्तता
तीन साल पूर्व गठित हुआ बीओजी, पर नहीं हुई एक भी बैठक
विवि प्रोफेसर ने राज्यपाल से लगायी आदेशों पर अमल की गुहारकतिपत अधिकारियों पर विवि परिवार के लोगों के उत्पीड़न का आरोप
सीएसजेएमयू में संचालित यूनिवर्सिटी इंस्टीटय़ूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नालॉजी (यूआईईटी, पूर्व नाम आईईटी) को राजभवन के संबंधित आदेश के 17 साल बाद भी वास्तविक ‘‘स्वायत्तता’ नहीं मिल सकी है। संस्थान को अपने संसाधनों के उपयोग तक के लिए विवि प्रशासन की अनुमति पर निर्भर रहना होता है। इससे संस्थान की शैक्षिक गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार के कार्य भी उपेक्षित चल रहा है। विवि के जिम्मेदारों की कोशिश इस संस्थान को ‘‘स्वायत्त’ न कर इस पर अपना वर्चस्व बनाये रखने की है।यूआईईटी के प्रोफसर व गणित विभाग के हेड डॉ.वीएन पाल ने यूआईईटी के ‘‘स्वायत्तता’ के मुद््दे को फाइलों में कैद कर दिये जाने पर चिंता जताते हुए प्रदेश के राज्यपाल व विवि कुलाधिपति राम नाईक से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल से राजभवन से जारी आदेश को सीएसजेएमयू द्वारा सम्मान न किये जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने राज्यपाल के समक्ष विवि की कार्यशैली पर उंगली उठाते हुए शिकायत की कि विवि के कतिपय अधिकारी राजभवन व शासकीय आदेशों का सम्मान न कर विवि परिवार को लोगों का मानसिक-आर्थिक उत्पीड़न करते हैं। उन्होंने राज्यपाल से राजभवन से जारी आदेश को सम्मान सुनिश्चित कराने व विवि के लोगों को यंतण्रा से मुक्ति दिलाने की मांग की। उन्होंने पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच करा दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई किये जाने की बात भी कही है।प्रो.पाल के मुताबिक विवि में आईईटी की स्थापना के बाद इस संस्थान को ‘‘स्वायत्तता’ प्रदान करने के प्रस्ताव को राजभवन द्वारा अनुमोदित किया गया व इस संबंध में आदेश जारी किये गये। उक्त आदेश के 17 साल बाद भी संस्थान को ‘‘स्वायत्तता’ नहीं प्रदान की जा सकी है। उनका कहना है कि उनके प्रयास पर विवि के पूर्व कुलपति प्रो.अशोक कुमार ने इस प्रकरण को महत्ता देते हुए संस्थान के लिए बोर्ड ऑफ गर्वनर (बीओजी) का गठन किया। बीओजी की गठन तो किया गया, लेकिन तीन साल में इसकी एक भी बैठक नहीं हुई। इस कारण ‘‘स्वायत्तता’ का मामला अभी भी ‘‘फाइलों’ में कैद है।विवि प्रोफेसर की शिकायत है कि विवि के कतिपय अधिकाररी राजभवन, शासव व खुद विवि तक के आदेशों का सम्मान नहीं करते। विभिन्न प्रकरणों को लंबित कर तरह-तरह से विवि परिवार को लोगों का उत्पीड़न करते हैं। उन्होंने राज्यपाल से राजभवन से जारी आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने की अपेक्षा की है।
http://www.rashtriyasahara.com/epapermain.aspx?queryed=12 उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने की मांग
लखनऊ के कथित आतंकी मुठभेड़ कांड 
कानपुर विवि के शिक्षक ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र
पत्र में कहा गया है कि उक्त प्रकरण को लेकर समाज में नागरिकों के बीच तमाम भ्रांतियां व भ्रम है
कानपुर विवि के वरिष्ठ शिक्षक डॉ.वीएन पाल ने देश के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर विगत दिनों लखनऊ में खुफिया एजेंसियों के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गये कथित आतंकी सैफुउल्ला प्रकरण की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने की मांग की है। डॉ. पाल ने पत्र में कहा है कि उक्त प्रकरण को लेकर समाज में नागरिकों के बीच तमाम भ्रांतियां व भ्रम व्याप्त है, खास कर कानपुर के नागरिकों में। उन्होंने भ्रम निवारण के लिए उक्त प्रकरण की न्यायिक जांच करायी जानी चाहिए। न्यायिक जांच से दूध का दूध व पानी का पानी हो जायेगा व सच्चाई जनता के सामने आयेगी।डॉ.पाल ने पत्र में कहा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि सच्चाई कुछ और है। लिहाजा वास्तविकता का पता लगाया जाना चाहिए। उनका कहना है कि देश के किसी भी नागरिक के जीवन का राष्ट्र के लिए काफी महत्व है। मृतक कथित आतंकी यदि दोषी था, तो उस अनुरूप आवश्यक कदम उठायें जायं और यदि जांच में वह निदरेष निकलता है तो दोषियों को सजा दी जाय। उन्होंने पत्र में यह भी कहा है कि यदि राष्ट्रपति इस मामले में हस्तक्षेप कर उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने विषयक कदम नहीं उठाते हैं, तो उक्त प्रकरण के पीछे उनकी भी मौन स्वीकृति मानी जायेगी।
द सहारा न्यूज ब्यूरोकानपुर।

Friday 10 March 2017

To set up high level Judicial inquiry of recent killing by STF in Lucknow

Inbox
x

Vijay Pal pmdrvnpalcm13@gmail.com

9:35 AM (5 minutes ago)
to presidentofind.hgovupmeDMPMNRFsecy.presidentsecyvpsupremecourt, bcc: भारत, bcc: Vijay, bcc: Vijay, bcc: me, bcc: asimhindustan, bcc: nitendra, bcc: santoshamaruja., bcc: Amar, bcc: vsikroriya, bcc: pioneer, bcc: Rashtriya, bcc: hindustansamac., bcc: Shiv, bcc: theunderlineknp, bcc: rozanaspokesman, bcc: rikrozgarsamac., bcc: riktiyanrozgar
                                              An open Letter to all Concerned 
To the -
Honorable   President of India ,
Union Government of India
 President House -New Delhi 

Through -- Proper Channel i.e. D M Kanpur 


           
Subj-  To set up high level Judicial inquiry of recent killing  by STF in Lucknow

  Hon'ble Sir ,

                      You are requested to kindly set up  high level Judicial inquiry of recent killing  by STF in Lucknow to remove the illusion ,confusion misunderstanding among the fellow citizen of our nation in particular of Kanpur .It has come to my notice that truth is otherwise right .The facts should be find  out as every fellow citizen is a most precious item/individual of the universe. 
                      Who is responsible to  convert our fellow citizen into terrorist is a big question before you being First Citizen / Prez / All in All / Head of the Nation / Family  ?  I have answer with  solution .
                  It is the first and foremost duty of you being  the Head  of the  Family to take care of each and every member of the family otherwise you have no right to continue on the apex post of the Nation / State .
         kindly acknowledge & response   the mail in time otherwise silence amount to admission 
               With regards

Affectionately Yours 

 Dr  V N Pal 
A simple Citizen Of India 
Prof & Head Dept Of Maths
UIET - C S J M University Kanpur 
123, Ram Ganga  Housing Complex 
G T Road Naramau Kanpur -209217
Tel: 051222770066, 7850838083, 7266010745, 9305574610
whatsup no:7007967764,8765071871,8765381614


                 .
                   

राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया पर सवालिया निशान?

 Public Interest Litigation जनहित याचिका 18 अगस्त 2022 भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश के सम्मुख जनहित याचिका हेतु                           ...