Sunday 25 June 2017

विजय ही विजय हो आपकी विजय हो आपके माँ बापकी
कल दिनांक 25-06 -17 को SEZ की आड़ में ट्रांस गंगा सिटी परियोजना के लिए किसानों की ११५२ एकड़ जमीं आज से 15 साल पहले धारा 17 (तत्काल ) का प्रयोग करके UPSIDC ने अधिगृहीत कर ली थी जिसे तत्कालीन आयुक्त श्री विजय शंकर पाण्डेय जी ने निरस्त कर दिया था l जमीनों को किसानों के नाम तत्काल दर्ज कर फोन / फैक्स से सूचना मांगी थी जिसको नजरंदाज कर तरह तरह के हथकंडे अपनाकर किसानों को तबाह कर दिया गया l कोई भी करार बरकरार नहीं रहा l
इस पर पीड़ित किसान डॉ पाल के मार्ग दर्शन में समीक्षा बैठकें कर रहे हैं अपनी ताकत बना रहे हैं अपना दर्द किसान हितैषी शक्तियों से साझा कर रहे हैं आज पूरे देश में किसान को कुर्सियों पर बैठी उनकी ही औलादों ने तबाह कर दिया है उनकी सिर्फ और सिर्फ एक मांग है इस असंवैधानिक अधिग्रहण की जन /न्यायायिक जांच हो जाय l श्री श्री विजय शंकर पाण्डेय जी के आदेशों का सम्मान हो जाय l दोषी अधिकारीयों के विरूद्ध न्यायसंगत उचित कार्यवाही हो जाय l ,किसानों व् सरकारी कोष का जो भी नुक्सान हुआ हो वो सम्बन्धित जिम्मेदार व्यक्तियों से वसूला जाय -
-इस सम्बन्ध में डॉ पाल अपने कुछ साथियों के साथ किसान नेताओं व् जवानों से ( श्री नरेश टिकैत ,राकेश टिकैत , योगेन्द्र यादव जी ,जनरल सतवीर सिंह , स्वामी अग्निवेश जी आदि से ) दिल्ली में मिले l किसान समन्वय समिति के भी संपर्क में हैं l जय जवान जय किसान का नारा देने वालों को एक मंच पर आने के लिए आवाज दी जन्तर मंतर पर जहाँ एक तरफ दो साल से अधिक समय से देश का जवान आंदोलित है OROP को लेकर वहीँ दूसरी तरफ तमाम किसानों के संगठन आये दिन जन्तर मंतर पर आंदोलनरत रहते हैं l जय जवान जय किसान के नारे को सार्थक बनाने के लिए डॉ पाल ने पूरे देश के किसान नेताओं को एक मंच पर आने की सलाह दी जिसे जनरल सतवीर सिंह ने सबसे पहले सहमति दी किसान नेताओं ने भी इस आवाज को हवा देने का बचन दिया --चौधरी हर पाल सिंह भाकियू अध्यक्ष उ प्रदेश-- सरदार भूपेन्द्र सिंह मान -अध्यक्ष KCC से भी संपर्क में हूँ l
इसी कड़ी में सबसे पहले श्रीमती सम्पत पाल -राष्ट्रिय कमांडर, गुलाबी गैग ने किसानों का आग्रह स्वीकारा---
किसानो का मनोबल बढ़ाने के लिए श्रीमती सम्म्पत पाल -राष्ट्रिय कमांडर, गुलाबी गैग कल किसानों के बीच प्रात::9=०० बजे मुरलीपुर गाँव आ रही हैl आप सभी सादर आमंत्रित हैं ----
विवेक स्पर्श के साथ कानपूर से ---डॉ वी . एन . पाल

Friday 23 June 2017

दलितों को नहीं कोई अहसान चाहिए… केवल वाजिब हक और सम्मान चाहिए!

मेरे जीवन की कुछ रोचक घटनाये और --
१- १९९४-९५ में उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग इलाहबाद में स्नातक /स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में प्राचार्य पद के साक्षात्कार के बाद स्पष्टीकरनण हेतु आयोग से पत्र आया कि आपने ओ बी सी का प्रमाण पत्र लगाया है सामान्य श्रेणी में टिक लगाया है इस भ्रम को दूर कीजिये l
मैंने जबाब में लिखा सत्य तथ्य को न छिपाने के लिए प्रमाण पात्र लगाया है मुझे ओ बी सी का आरक्षण लाभ नहीं चाहिए l मुझे कोई Insulted Assignment नहीं चाहिए l सामान्य में मेरा चयन हुआ लेकिन मेरिट में पीछे हो गया यदि लाभ लिया होता तो टॉप किया होता -
२-विवि जहाँ मैं आजकल कार्यरत हूँ यहाँ पर मैंने साक्षात्कार के समय विरोध किया था मुझे पिछड़े वर्ग में साक्षात्कार के लिए पुकारा गया जब सामान्य में बोर्ड ने बुलाने का निर्णय लिया तब साक्षत्कार में गया और पहले स्थान पर चयन हुआ -
३- अति निर्धन सुदूर गाँव में लगभग अनाथ पैदा हुआ ,13 साल की उम्र में माँ का साया छिन गया लेकिन हमेशा आरक्षण को नकार कर मेरिट /योग्यता वाला वजीफा लिया l आरक्षण का लाभ पाने वाले आलसी बन कर पीछे रह गये l मैंने जीवन में आरक्षण का कभी भी लाभ नहीं लिया न लूँगा
४- पंजाब में राजपुरा में आप सांसद डॉ धर्मवीर गाँधी के साथ --एक पुरुस्कार --Annual Real Award-14 पर कुमारी सरस्वती ने मेरा नामंकन करा दिया था ---विचाराधीन था --जब मेरी बारी आयी तो बोलते हुए मैंने कहा था कि----
पुरुस्कार देने वाला महान होता है लेने वाले से --मैं "बाल बच्चा पाल पुरुस्कार जो १३१३१३/=का एक या १३१३१/= के 13 की राशि मय प्रशस्ति पत्र का है " को राष्टपति /कुलाधिपति /उप्कुलाधिपति जैसे गरिमामयी व्यक्तियों के हाथों ही दिया जाता है वाला व्यक्ति हूँ मैं Annual Real Award-14 की दौड़ में नहीं हूँ फिर भी मुझे दिया गया - इस अवसर पर मैंने कहा था ---
कि भविष्य में यदि मुझे Noble Prize का offer मिला/ घर देने आया तो मैं उसे विना सोचे विना एक भी पल विताये अस्वीकार कर दूंगा l लात मार दूंगा l मैं किसी भी अपमानित पुरुस्कार को खासकर Noble Prize को जो दुनियां का सबसे ज्यादा अपमानित पुरुस्कार (Insulted Award) है को लात मारना ही मेरे लिए श्रेयस्कर है
Noble Prize is an Insulted Award of highest order and of lowest degree of the world--Dr V N Pal
Why ?
Noble Prize एक ऐसी राशि के व्याज से दिया जाता है --जो तमाम देशो को अश्त्र -शस्त्र बेचकर अर्जित की गयी है तथा जिसने तमाम नर संघार किये हैं और होते रहेंगे -- --डॉ पाल
मेरे जीवन की कुछ रोचक घटनाये और --
04-10-90 की शाम JNU के सतलज होस्टल के सामने ३ दिन का 13 वर्षीय श्री रमेश यादव के साथ उपवास / आमरण अनशन की समाप्ति पर वि वि परिवार के समक्ष/ AMC परिवार सहित को सम्बोधित करने का अवसर मिला--
प्रमुख विन्दु ------
अय ! JNU/AMC परिवार ---
सभी को प्रणाम --नमन , विवेक स्पर्श
बुद्धजीवियों का केंद्र अय ! JNU / AMC परिवार - आप् सभी बुद्धिजीवी होने का प्रमाण दें राष्ट्र की ज्वलंत समस्यों का सरल , बौद्धिक , व्यवहारिक ,अल्पकालिक, आर्थिक , तात्कालिक ,संवैधानिक ,प्राकृतिक समाधान दो अन्यथा आज से अपने को बुद्धिजीवी कहना छोड़ दें और मुझ से समाधान लें l सवालों की बौछार दोनों तरफ से --मेरी यादगार में ----
मेरा पहला सवाल दलित /अगड़ा / पिछड़ा कौन ? तथाकथित जन्म आधारित पहचान फ़र्जी है कर्म आधारित पह्चान होती है
सब की सिट्टी पिट्टी गुम
मेरा जबाब था-
दलित वो जिसकी कोई न सुने l
अगड़ा / पिछड़ा कौन ? डॉ पाल के अनुसार ------
कोई मेरे घर आये और उसे मैं उसे दूध दही मट्ठा पिलाऊँ तो पिछड़ा और उनके घर जाए और वो दारू पिलायें तो अगडे l
कोई मेरे घर आये और उसे मैं उसे देशी घी के परांठे खिलाऊँ तो पिछड़ा और उनके घर जाए और सड़े गले फ्रेंच टोस्ट खिलाएं तो अगडे l
कोई मेरे घर आये शादी के लिए मेरी बेटी को देखने और पूरे बदन में कपड़े लपेटे होने वाले ससुर के चरण छो कर शर्माती हुई निचे बैठ जाय तो पिछड़ा और उनके घर जाए और शादी के लिए उनकी बेटी को देखने और पूरे लगभग नंगे बदन में होने वाले ससुर हेलो हाय बोलती हुई बराबर बैठ जाए तो अगडे l एडवांस परिवार
पिछड़े अपनी बहन बेटी से खले में बात करे तो बदचलनी का आरोप और अगड़ों की बहू बेटियां गाड़ी लेकर क्ल्बो में जाय
ऐसे तमाम हालातों का जिक्र --जो अगड़ा / पिछड़ा कौन ? की पहचान कराए दिए गये
इस हिसाब से मुट्ठीभर लोग अगड़े बाकि सब दलित व् पिछड़े हैं
सन्नाटा छा गया
फिर सवालों की बौछार ---और मेरे सामाजिक और वैज्ञानिक आधार पर सरल , बौद्धिक , व्यवहारिक ,अल्पकालिक, आर्थिक , तात्कालिक ,संवैधानिक ,प्राकृतिक एवं त्वरित समाधान से पूरा JNU/AMC परिवार स्तब्ध
तमाम लिखित प्रसंशा पत्रों की झड़ी लग गयी
एक सवाल सबसे क्या पैदा होते मेरा बेटा प्रोफेसर लिखेगा ?
फिर चतुर्वेदी की संतान चतुर्वेदी केसे ?आदि आदि
क्रमश.
JNU/AMC----ज्वाहरलाल नेहरू विवि / एंटी मंडल कमीशन
मेरे जीवन की एक घटना जिसने मेरा जीवन ही बदल दिया --
जब विश्वनाथ प्रताप सिंह जी ने मंडल आयोग लागू किया उसकी सूचना I IT KANPUR की faculty building के ५ वें तल पर गणित विभाग के कार्यालय में शाम के ५ बजे होंगे श्री वी एन श्रीवास्तव ने मुझसे कहा कि डॉ पाल आप अब कोटे में आ गये हो मंडल आयोग लागू होने से l मुझे बहुत बुरा लगा किजैसे किसी ने मुझे गोली मार दी हो l मैंने छूटते ही बोला था कि खबरदार श्रीवास्तव जी अबकी बोले तो गोली मार दूंगा l मई तुम्हे कहाँ से पिछड़ा लगता हूँ और तुरंत जाकर यह वाकया अपने गुरु जी प्रोफेसर जे बी शुक्ल को बताई उन्होंने भी मुझे बोला तुमने ठीक बोल दिया --
बस यहीं से मेरी जीवन धारा बदल गयी -----मैंने आरक्षण के दूरगामी परिणामों पर गहन चिन्तन मनन कर पूरे देश में निकल पड़ाl लोगों को समझाने- I I T Kanpur, I I T Delhi , Delhi university ,J N U , महात्मा महेंदर सिंह टिकैत के साथ २-अक्टूम्बर की वोट क्लब की विशाल रैली में मंच साझा करते हुए - 6-१०-९० को ३ दिन कुअर रमेश यादव के JNU में सतलज होस्टल के सामने आमरण अनशन कर १० JNU के छात्रों के साथ राष्ट्रपति भवन ---- आदि होता हुआ----जलते हुए देश को बचाने के लिए बुला लिया गया
13 सूत्रीय राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर राष्ट्रपति भवन में पहुचने के लिए -क्या क्या प्रयास करने होंगे ? - लक्ष्य बना लिया जुट गया l

राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया पर सवालिया निशान?

 Public Interest Litigation जनहित याचिका 18 अगस्त 2022 भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश के सम्मुख जनहित याचिका हेतु                           ...