Saturday 19 May 2018

कर्नाटक में सरकार गठन पर

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12 hrs
----------------------कर्नाटक में सरकार गठन पर --------
जब तक सरकार गठन की प्रक्रिया राष्ट्रपति आदि को पूर्व में मेरे दिए गये परामर्श/ ध्यानाकर्षण के अनुसार नहीं की जाएगी तब तक सभी सरकारें महज एक धोखा --डॉ पाल
VN Pal
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संवैधानिक सरकारों के गठन हेतु ध्यानाकर्षण --- खुला पत्र
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Vijay Pal <pmdrvnpalcm13@gmail.com>
7:30 AM (8 minutes ago)
to presidentofind., secy.president, secyvp, supremecourt, bcc: pmindia, bcc: PMNRF, bcc: pmo, bcc: Vijay
संवैधानिक सरकारों के गठन हेतु ध्यानाकर्षण --- खुला पत्र
प्रतिष्ठा में -राष्ट्रपति जी ,
भारत सरकार /संघ सरकार
राष्ट्रपति भवन -नई दिल्ली
महामहिम राष्ट्रपति जी ,
जय हो आपकी --विवेक स्पर्श
आपका ध्यान प्राप्त हो कि आप हमारे राष्ट्र के सर्वे सर्वा संवैधानिक प्रमुख हैं राष्ट्रपति जी
संवैधानिक सरकारों के गठन हेतु ध्यानाकर्षण करते हुए अपेक्षा करता हूँ कि अभी अभी हाल में 5 राज्यों में हुए औपचारिक चुनावों के बाद असंवैधानिक / परम्परागत / काल्पनिक सरकारों के गठन की प्रक्रिया अपनाई जाने वाली है जिसे रोकना आपकी संवैधानिक / वास्तविक / स्वाभाविक जिम्मेदारी भी है l आप अपने विवेकाधिकार जो आपका विशेषाधिकार है का प्रयोग करते हुए सच्ची संवैधानिक - दलीय पहचान वाली सरकारों के बजाय - लोकतान्त्रिक बहुमत या सर्व सम्मत की सरकारों के गठन में अहं भूमिका निभाएं अन्यथा इतिहास आपको माफ़ नहीं करेगा --आप अपने अधीन कार्यरत सभी राज्यपालों को निर्देशित / आदेशित करें कि मुझे निम्न कदम उठाते हुए संवैधानिक सरकारों का गठन करके दो - परम्परागत असंवैधानिक सरकारों के गठन की short cut प्रक्रिया से बचे ---
1- सदन के बाहर किसी भी सरकार का गठन न करें
2-सदन बुलाएँ - सदन में सभी जीते हुए प्रतिनिधियों को जीतने की बधाई दें और उनसे दलगत पहचान को समाप्त कर सरकार में शामिल होने का आग्रह करें l दलीय पहचान बनाये रखने वालों को सदन की सदस्यता से बंचित रखे --दल की सदस्यता छोडकर दलीय गतिविधियों से दूर रहने के लिखित आश्वासन पर ही सदन में सदस्यता की शपथ ग्रहण कराएँ -सरकार की कोई दलीय पहचान नहीं होगी -सबकी सरकार का गठन होगा -उन्हें याद दिलाएं कि चुनाव प्रचार के दौरान आप सभी जनता के बीच यही तो कह रहे थे कि मुझे जिताओ मुझे जिताओ मै सरकार बनाऊंगा और आपकी सारी समस्याएं हल करूँगा -
3- सख्या बल के आधार पर सदन की सदस्यता दिए बगैर -मुख्य मंत्री एवं मंत्रियो को - विना किसी जांच पड़ताल के नियुक्ति पत्र जारी करते हुए साकार का सदन के बाहर शपथ ग्रहण कराने वाला short cut घोर असंवैधानिक है l इससे बचें l
4- सदन में ही केवल मुख्य मंत्री के दावेदारों -जो कोई भी नागरिक हो सकता है सदन का सदस्य होना जरूरी नहीं - को अपने अपने दावे / सरकार प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाए ताकि पूरा सदन /प्रदेश व देश की जनता की निगाह में अच्छा मुख्य मंत्री हो लोकतान्त्रिक बहुमत या सर्व सम्मत से चुनाव आयोग की मौजूदगी में चुना जाय l
5- सदन में चुने हुए मुख्यमंत्री को सदन के अनुरोध पर नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले उसकी सम्पत्ति ,चरित्र आदि की खोजबीन की जाय -कहीं फर्जी डिग्रियां आदि के मामले तो नहीं हैं -असंवैधानिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर तत्काल बर्खास्त करने का स्वाभाविक अधिकार नियुक्ति देने वाले का होता है इसलिए दिनांक रहित त्यागपत्र विवेकाधिकार / विशेषाधिकार के तहत ले लिया जाय जिसे भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर स्वीकार किया जा सके l किसी भी व्यक्ति के महज दावे पर सदन के बाहर साकार के गठन से बचें l
6-मुख्यमंत्री की नियुक्ति के बाद कार्यभार ग्रहण करने पर मंत्रिमंडल के गठन की प्रक्रिया में मंत्री पद के दावेदारों को भी सदन में सम्बंधित विभाग में मंत्री बनाये जाने के औचित्य को बताना होगा ताकि पूरा सदन व प्रदेश व देश की जनता आश्वस्त हो जाय फिर मुख्यमंत्री पूरी छानबीन कर ही मंत्रिमंडल की सूची राज्यपाल को भेजे -राज्यपाल द्वारा भी अपने स्तर से नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले उसकी सम्पत्ति ,चरित्र आदि की खोजबीन की जाय -कहीं फर्जी डिग्रियां आदि के मामले तो नहीं हैं -असंवैधानिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर तत्काल बर्खास्त करने का स्वाभाविक अधिकार नियुक्ति देने वाले का होता है इसलिए दिनांक रहित त्यागपत्र विवेकाधिकार / विशेषाधिकार के तहत ले लिया जाय जिसे भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर स्वीकार किया जा सके l
7- किसी भी सरकार में विभाजन नहीं होना चाहिए पारम्परिक सोच - सदन के विभाजन -पक्ष / विपक्ष -से बचे l
सबकी सरकार का गठन हो यही हमारा भाव
सादर
भवदीय
डॉ वी एन "पाल "
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