विज्ञापन / महत्वपूर्ण अधिसूचना
भारत का संप्रभु नागरिक डॉ वी एन पाल
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए उचित पात्रों की तलाश जारी है -आवेदन करें l पूरे देश से योग्य व्यक्ति आगे आयें l
अब तक जितने भी राष्ट्रपति 1981 के बाद बने है, सब असम्वैधानिक हैं क्योंकि इनका चुनाव 1971 की जनगणना पर हुआ है और भी कई तरह की चुनावी विसंगतियां है सबने दुसरे कार्यकाल को प्राप्त करने की लालसा में विवेकधिकार जो उनका विशेषाधिकार था जिसके सामने सभी संवैधानिक अधिकार बौने हो जाते हैं का प्रयोग नहीं किया l परोक्ष / अपरोक्ष रूप से राष्ट्रपतियों द्वारा नियुक्त संवैधानिक पदों पर नियुक्त व्यक्तियों ने मनमानी की l असंवैधानिक गतिविधियों में लिप्त रहे l राष्ट्रपति मौन रहे l सबकी एक जैसी कार्यशैली को देखकर एक कहावत आम हो गयी कि हमारे देश का राष्ट्रपति एक RUBBER STAMP मात्र है जबकि उसमें असीमित शक्तियां निहित हैं l
कुछ लोगों ने --मेरे संपर्क में है-- पहल की है l स्वत:लिखित चरित्र प्रमाण पत्र , दिनांक रहित त्यागपत्र के साथ राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्र को संचालित करने की योजना के साथ पहल करे ताकि उचित पात्र के लिए वातावरण बनाया जा सके l
जब कोई भी पहल नहीं करेगा और सपने में भी मुझे कोई माँरने की नहीं सोचेगा तो मै इस कार्य के लिए अपना योगदान करने पर विचार कर सकता हूँ क्योकि ब्लैक कैट कमांडो में विशिष्ट कैदी की भूमिका में रहकर मुझे जीना पसंद नहीं है, मुझे उमंग और तरंग के साथ हट्टे कट्ठे पट्ठे रहकर गुलाम भारत में आजाद पशु पक्षियों की तरह से हजारों साल जिन्दा रहने की तमन्ना है l
जो व्यक्ति अपनी रक्षा नही कर सकता वो राष्ट्र के किसी भी व्यक्ति की रक्षा कैसे कर सकता है ?
नोट :-
कोई भी व्यक्ति इस देश में उपराष्ट्रपति / राष्ट्रपति बनंने के काबिल नही है तब भी कोई न कोई तो बनेगा ही फिर आप क्यों नहीं ?
गंभीरता से आत्म अवलोकन / विचार कर पहल कीजिये l
डॉ पाल
contact:-"डॉ विजय नारायण पाल "
Alumni I I T Kanpur
Prof. & Head Dept of Maths
U I E T -C S J M U --Kanpur
05122770066,7007967764,8765071871,8765381614,7850838083,9305574610,7266010745
pmdrvnpalcm13@gmail.com