आज की एक घटना -
आज मेरे घर के दरवाजों की मरम्मत करने श्री हुब्बलाल जी अचानक आ गये l पारिश्रमिक के लिए मै उन्हें अपनी नैनों कार से मंधना SBI ATMपर गया machine बंद तो फिर मन में आया प्रबन्धक से पूंछू -अनुपस्थित -दुसरे वरिष्ठ अधिकारी से मिले -कुछ सवाल जवाव किये तो संतुष्ट नहीं कर पाए तो अपनी बला श्री अदंश जी के उपर थोप थी वे बोले आपके सवालों के लिए पढना पढ़ेगा और अपना मोबाइल नम्बर भी दे दिया l फिर उसके वाद पड़ोसी बैंक BOI में गया l वहां भी वही हाल l प्रबन्धक श्री अमिताभ शुक्ल से भी मायुश होकर वापस --मन में तरह तरह के प्रश्न --मेरी बचत का धन समय पर किसी काम का नहीं --
पूछे गये स्वाभाविक सवाल जवाव
-ATM मशीन काम नहीं कर रही है Cash Counter से धन दिलाएं ?
संभव नहीं -दूसरी जगह चले जाओ
मैंने कहा महोदय यह atm दिखाते हुए --मेरी बचत पूँजी का है जिसपर मेरा पूरा पूरा अधिकार है और वह पूँजी आपके पास है l आप देने से मना नहीं कर सकते l मना करने पर आपकी विश्वसनीयता खतरे में l बचत पूँजी प्रति क्षण आवश्यकतानुसार सुविधापूर्वक प्रयोग करने के लिए उपलब्ध होनी है सो दो l
बैंक कर्मी की हालत ख़राब
फिर मैंने श्री हुब्बलाल जी से १०० का नोट लेकर कतिपय अधिकारी से कहा कि इस नोट के बदले इस पर लिखे RBI के गवर्नर के लिखित वचनानुसार १०० रुपया दे दो-
वे वोले यह १०० रुपया ही तो है
मैंने कहा नहीं आपकी बात गलत है यह १०० रुपया नही १०० रुपया का नोट यानिकी टिप्पणी है अगर यह रुपया होता तो इस पर यह क्यों लिखा है कि मै धारक को १०० रुपया देने का वचन देता हूँ?जो लिखा है उसका मतलब मुझे समझाओ और दो l तो उनकी हालत देखने लायक थी l बोले RBI जाओ l मैंने कहा आप RBI के प्रतिनिधि बैंक हैं यदि नहीं तो अपनी दुकान बंद करो आपकी विश्वसनीयता खत्म l मैंने कहा रुपया मानी चांदी का एक तोले का सिक्का l १०० चांदी के सिक्के आपके पास होगे तब आपने यह १०० रूपये का नोट जारी किया था -१२ चांदी के सिक्के की मोहर- सोने का सिक्का - होती है इसी तरह तांबे के सिक्के को दाम कहते है l अब उनको मेरी बातों में गंभीरता नजर आई l सुनार और बैंक में अंतर समझाया l सुनार सोना चांदी लेकर रुक्का यानि पक्की रसीद पर विस्तृत जानकारी लिखकर देता है और अपने रुक्के पर खरा उतरता है विषम परिस्थितियों में ही टालमटोल करता है l बैंक ज्यादा विश्वसनीय है टालमटोल नहीं करता l इसलिए हमारा सारा धन बैंक में है l चैक पर मेरे द्श्क्त और नोट पर गवर्नर के होते हैं चैक bounce होने पर मुझे सजा का प्रावधान है नोट bounce पर किसे सजा होनी चाहिए ? किसने bounce किया -उत्तर बैकों ने --क्यों किया ? धारक से पूछने की भी कोई शर्त नहीं लिखी गयी है -काला सफेद धन की चर्चा भी नहीं की जा सकती l और भी प्रश्न पूछे जा सकते है जैसे
-गवर्नर की नियुक्ति राष्ट्रपति ने या गाँधी ने ?
फिर किसकी फोटो होनी चाहिए ?
केंद्र सरकार द्वारा प्रत्याभूत का मतलब क्या है जब केंद्र सरकार नाम की कोई चीज हमारे संविधान में अनुमोदित नहीं है ? तो सरकार ही फर्जी हुयी l संघ सरकार का वर्णन / अनुमोदित है पर आज तक हमारे देश में बनी नहीं l
RBI जो १९३४ से एक स्वायत्तशासी संस्था है हमारे देश की बैंक नहीं है हमारे देश की बैंक तो SBI है l ये सभी बैंकें RBI की प्रतिमूर्ति हैं l गवर्नर के अलावा किसी को भी कोई अधिकार नहीं है यदि कोई बोलता है नोट बन्दी करता है तो गवर्नर की कार्यशैली में हस्तक्षेप है नोट बन्दी स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसे सुविधापूर्वक क्रियान्वित किया जायेगा l ऐसा BOB/ UBI विवि परिसर ,ICICI Bank INDUSINDबैंक व RBI की शाखा जो कानपुर में है से भी घंटों हुई है क्रमश:--डॉ पाल
आज मेरे घर के दरवाजों की मरम्मत करने श्री हुब्बलाल जी अचानक आ गये l पारिश्रमिक के लिए मै उन्हें अपनी नैनों कार से मंधना SBI ATMपर गया machine बंद तो फिर मन में आया प्रबन्धक से पूंछू -अनुपस्थित -दुसरे वरिष्ठ अधिकारी से मिले -कुछ सवाल जवाव किये तो संतुष्ट नहीं कर पाए तो अपनी बला श्री अदंश जी के उपर थोप थी वे बोले आपके सवालों के लिए पढना पढ़ेगा और अपना मोबाइल नम्बर भी दे दिया l फिर उसके वाद पड़ोसी बैंक BOI में गया l वहां भी वही हाल l प्रबन्धक श्री अमिताभ शुक्ल से भी मायुश होकर वापस --मन में तरह तरह के प्रश्न --मेरी बचत का धन समय पर किसी काम का नहीं --
पूछे गये स्वाभाविक सवाल जवाव
-ATM मशीन काम नहीं कर रही है Cash Counter से धन दिलाएं ?
संभव नहीं -दूसरी जगह चले जाओ
मैंने कहा महोदय यह atm दिखाते हुए --मेरी बचत पूँजी का है जिसपर मेरा पूरा पूरा अधिकार है और वह पूँजी आपके पास है l आप देने से मना नहीं कर सकते l मना करने पर आपकी विश्वसनीयता खतरे में l बचत पूँजी प्रति क्षण आवश्यकतानुसार सुविधापूर्वक प्रयोग करने के लिए उपलब्ध होनी है सो दो l
बैंक कर्मी की हालत ख़राब
फिर मैंने श्री हुब्बलाल जी से १०० का नोट लेकर कतिपय अधिकारी से कहा कि इस नोट के बदले इस पर लिखे RBI के गवर्नर के लिखित वचनानुसार १०० रुपया दे दो-
वे वोले यह १०० रुपया ही तो है
मैंने कहा नहीं आपकी बात गलत है यह १०० रुपया नही १०० रुपया का नोट यानिकी टिप्पणी है अगर यह रुपया होता तो इस पर यह क्यों लिखा है कि मै धारक को १०० रुपया देने का वचन देता हूँ?जो लिखा है उसका मतलब मुझे समझाओ और दो l तो उनकी हालत देखने लायक थी l बोले RBI जाओ l मैंने कहा आप RBI के प्रतिनिधि बैंक हैं यदि नहीं तो अपनी दुकान बंद करो आपकी विश्वसनीयता खत्म l मैंने कहा रुपया मानी चांदी का एक तोले का सिक्का l १०० चांदी के सिक्के आपके पास होगे तब आपने यह १०० रूपये का नोट जारी किया था -१२ चांदी के सिक्के की मोहर- सोने का सिक्का - होती है इसी तरह तांबे के सिक्के को दाम कहते है l अब उनको मेरी बातों में गंभीरता नजर आई l सुनार और बैंक में अंतर समझाया l सुनार सोना चांदी लेकर रुक्का यानि पक्की रसीद पर विस्तृत जानकारी लिखकर देता है और अपने रुक्के पर खरा उतरता है विषम परिस्थितियों में ही टालमटोल करता है l बैंक ज्यादा विश्वसनीय है टालमटोल नहीं करता l इसलिए हमारा सारा धन बैंक में है l चैक पर मेरे द्श्क्त और नोट पर गवर्नर के होते हैं चैक bounce होने पर मुझे सजा का प्रावधान है नोट bounce पर किसे सजा होनी चाहिए ? किसने bounce किया -उत्तर बैकों ने --क्यों किया ? धारक से पूछने की भी कोई शर्त नहीं लिखी गयी है -काला सफेद धन की चर्चा भी नहीं की जा सकती l और भी प्रश्न पूछे जा सकते है जैसे
-गवर्नर की नियुक्ति राष्ट्रपति ने या गाँधी ने ?
फिर किसकी फोटो होनी चाहिए ?
केंद्र सरकार द्वारा प्रत्याभूत का मतलब क्या है जब केंद्र सरकार नाम की कोई चीज हमारे संविधान में अनुमोदित नहीं है ? तो सरकार ही फर्जी हुयी l संघ सरकार का वर्णन / अनुमोदित है पर आज तक हमारे देश में बनी नहीं l
RBI जो १९३४ से एक स्वायत्तशासी संस्था है हमारे देश की बैंक नहीं है हमारे देश की बैंक तो SBI है l ये सभी बैंकें RBI की प्रतिमूर्ति हैं l गवर्नर के अलावा किसी को भी कोई अधिकार नहीं है यदि कोई बोलता है नोट बन्दी करता है तो गवर्नर की कार्यशैली में हस्तक्षेप है नोट बन्दी स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसे सुविधापूर्वक क्रियान्वित किया जायेगा l ऐसा BOB/ UBI विवि परिसर ,ICICI Bank INDUSINDबैंक व RBI की शाखा जो कानपुर में है से भी घंटों हुई है क्रमश:--डॉ पाल
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